गेहूँ की खेती की पूरी जानकारी | Wheat Cultivation Guide in Hindi

 गेहूँ की खेती की पूरी जानकारी | Wheat Cultivation Guide in Hindi

गेहूँ की खेती कैसे करें? इस लेख में गेहूँ की प्रमुख किस्में, सही बुवाई का समय, बीज उपचार, खेत की तैयारी, उर्वरक प्रबंधन, सिंचाई प्रबंधन, रोग-कीट नियंत्रण और कटाई की पूरी जानकारी आसान भाषा में दी गई है। किसान भाई इस गाइड को अपनाकर ज्यादा पैदावार और अच्छी गुणवत्ता का गेहूँ प्राप्त कर सकते हैं।


✅ परिचय (Introduction)

भारत में गेहूँ सबसे महत्वपूर्ण रबी फसल है। सही तकनीक अपनाने से किसान कम लागत में ज्यादा पैदावार ले सकते हैं। आइए step by step पूरी जानकारी जानते हैं


1️⃣ गेहूँ की प्रमुख किस्में (Wheat Varieties)

  • HD 2967, HD 3086 – उच्च पैदावार और लोकप्रिय किस्में
  • PBW 550, PBW 502 – रोग प्रतिरोधक किस्में
  • K 307, K 9423 – पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए उपयुक्त

👉 टिप: अपने क्षेत्र की कृषि विज्ञान केंद्र से अनुशंसित किस्में चुनें।


2️⃣ गेहूँ की बुवाई का सही समय (Sowing Time of Wheat

सर्वोत्तम समय: 1 नवम्बर से 20 नवम्बर

देर से बुवाई के लिए जल्दी से पकने वाली किस्में चुनें

👉 सावधानी: देरी से बुवाई करने पर उत्पादन 20–25% तक घट सकता है।


3️⃣ बीज उपचार (Seed Treatment)

  • फफूंदनाशी: थायरम या कार्बेन्डाजिम – 2.5 ग्राम/किग्रा बीज
  • दीमक नियंत्रण: क्लोरोपायरीफॉस – 2.5 मि.ली./किग्रा बीज

👉 टिप: बीज उपचार से रोग-कीट का प्रकोप घटता है और अंकुरण बेहतर होता है।


4️⃣ खेत की तैयारी (Field Preparation)

  • 2–3 जुताई करके पाटा लगाएँ
  • खेत समतल और भुरभुरा होना चाहिए
  • खरपतवार रहित खेत अधिक उत्पादन देता है


5️⃣ उर्वरक प्रबंधन (Fertilizer Management)

  • प्रति हेक्टेयर आवश्यकता: 120:60:40 (N:P:K)
  • नाइट्रोजन 3 भागों में दें:
  • 1/3 बुवाई के समय
  • 1/3 पहली सिंचाई पर
  • 1/3 दूसरी सिंचाई पर
  • 👉 टिप: मिट्टी की जाँच कराकर ही उर्वरक डालें।


6️⃣ सिंचाई प्रबंधन (Irrigation Management)

  • 1st सिंचाई: 20–25 दिन बाद (CRI स्टेज)
  • 2nd सिंचाई: 40–45 दिन (टिलरिंग)
  • 3rd सिंचाई: 60–65 दिन (बूटिंग)
  • 4th सिंचाई: 80–85 दिन (फूल आने पर)
  • 5th सिंचाई: 100–110 दिन (दाना भरने की अवस्था)

👉 सावधानी: कटाई से 2–3 हफ्ते पहले सिंचाई न करें।


7️⃣ रोग और कीट नियंत्रण (Pest & Disease Management)

  • पत्ती झुलसा – कार्बेन्डाजिम का छिड़काव
  • कणुआ/स्मट – बीज उपचार से बचाव
  • गेरुई रोग (Rust) – प्रोपिकोनेजोल/मैनकोजेब का छिड़काव
  • दीमक – क्लोरोपायरीफॉस का प्रयोग

👉 टिप: समय-समय पर खेत की निगरानी करें और शुरुआती अवस्था में ही नियंत्रण करें।


8️⃣ कटाई और मड़ाई (Harvesting & Threshing)

  • जब पौधे पीले हो जाएँ और दाने कठोर हो जाएँ तो कटाई करें
  • फसल को धूप में सुखाएँ और फिर मड़ाई करें
  • भंडारण से पहले अनाज की नमी 10–12% तक होनी चाहिए
10–12% नमी जानने के आसान तरीके

1. मोइश्चर मीटर (Moisture Meter) से जाँच

  • यह सबसे सही और वैज्ञानिक तरीका है।
  • इसमें गेहूँ का दाना डालते हैं और मशीन नमी (%) दिखा देती है।
  • आजकल कृषि विज्ञान केंद्र या मंडी में आसानी से उपलब्ध है।

2. नाखून दबाने की विधि (Traditional Method)
  • दाने को नाखून से दबाएँ।
  • अगर दाना आसानी से दब जाता है तो नमी 15% से अधिक है।
  • अगर दाना सख्त है और टूटकर बिखर जाता है तो नमी 10–12% है।

3. दाँत से काटकर देखना

  • दाने को दाँत से काटें।
  • अगर दाना हल्का नरम लगे और दाँत का निशान रह जाए तो नमी ज्यादा है।
  • अगर दाना कड़क और सख्त हो, तो नमी 10–12% के आसपास है।


4. मुट्ठी में लेकर परखना

  • गेहूँ की एक मुट्ठी को जोर से दबाएँ और छोड़ दें।
  • अगर दाने चिपककर गीले-से महसूस हों तो नमी ज्यादा है।
  • अगर दाने आसानी से अलग हो जाएँ तो नमी कम है (10–12%)।


 निष्कर्ष (Conclusion)


गेहूँ की खेती में अगर किसान सही किस्म, समय पर बुवाई, संतुलित उर्वरक, नियोजित सिंचाई और रोग-कीट नियंत्रण अपनाएँ तो आसानी से ज्यादा पैदावार और बेहतर गुणवत्ता का गेहूँ प्राप्त कर सकते हैं।




❓ गेहूं की खेती – किसानों के आम सवाल (FAQ)

Q1. गेहूं की बुवाई का सही समय कब है?

उत्तर भारत में 15 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक गेहूं की बुवाई सबसे अच्छी रहती है। देर से बोई गई फसल 15 दिसम्बर तक की जा सकती है।

Q2. गेहूं की बुवाई के लिए कौन सी किस्म (Variety) सबसे अच्छी है?

उत्तर भारत में उच्च उत्पादकता वाली किस्में जैसे HD-2967, HD-3086, DBW-222, PBW-343, WH-1105 आदि उपयुक्त हैं।

Q3. गेहूं के लिए कितनी बीज दर (Seed Rate) चाहिए?

सामान्य किस्मों के लिए 100–125 किग्रा बीज/हेक्टेयर। देर से बोई गई फसल में 125–150 किग्रा/हेक्टेयर।

Q4. गेहूं की फसल में कितनी सिंचाई करनी चाहिए?

सामान्यत: 4–5 सिंचाई जरूरी: पहली – 20–25 दिन, दूसरी – 40–45 दिन, तीसरी – 65–70 दिन, चौथी – 90–100 दिन, जरूरत पड़ने पर पांचवीं।

Q5. गेहूं की फसल में प्रमुख रोग कौन-कौन से हैं?

कर्णाल बंट, पीली करन (Yellow Rust), झुलसा रोग (Blight), कंडवा (Loose Smut)। रोग नियंत्रण के लिए बीजोपचार और समय पर छिड़काव जरूरी है।

Q6. गेहूं की फसल में प्रमुख कीट कौन-कौन से हैं?

दीमक, सुंडी और माहू (Aphids)। नीम तेल, जैविक कीटनाशक और जरूरत पड़ने पर रासायनिक दवाइयाँ इस्तेमाल करें।

Q7. गेहूं की औसत पैदावार कितनी होती है?

सामान्य परिस्थितियों में 40–50 क्विंटल/हेक्टेयर। उच्च प्रबंधन में 60–70 क्विंटल/हेक्टेयर तक।

Q8. गेहूं की खेती से मुनाफा कैसे बढ़ाया जा सकता है?

उच्च उत्पादक किस्म चुनें, समय पर बुवाई और सिंचाई करें, Pest & Disease Control अपनाएँ और Integrated Nutrient Management का प्रयोग करें।

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