आलू की खेती कैसे करें: बीज से लेकर पैदावार तक पूरा मार्गदर्शन | Potato Farming in India
आलू की खेती कैसे करें: बीज से लेकर पैदावार तक पूरा मार्गदर्शन | Potato Farming in India
जानिए आलू की खेती का सही समय, बीज का चुनाव, खेत की तैयारी, सिंचाई, खाद प्रबंधन और रोग नियंत्रण की पूरी जानकारी। यह गाइड किसानों को अधिक पैदावार और ज्यादा मुनाफा दिलाने में मदद करेगा।
1. आलू की खेती का महत्व
आलू (Potato) भारत की सबसे ज्यादा खाई जाने वाली सब्जी है। यह किसानों के लिए नकदी फसल (Cash Crop) भी है, क्योंकि इसकी मार्केट में हमेशा डिमांड रहती है। सही तकनीक अपनाकर किसान भाई कम लागत में ज्यादा उत्पादन ले सकते हैं।
2. आलू की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी
जलवायु: आलू ठंडे मौसम की फसल है। 15–25°C तापमान आलू के लिए सबसे उपयुक्त है।
मिट्टी: हल्की दोमट मिट्टी, जिसमें पानी निकास अच्छा हो, आलू की खेती के लिए सबसे बेहतर है। pH: 5.5–6.
3. बीज का चुनाव
आलू की बुवाई के लिए 25–50 ग्राम वजन वाले स्वस्थ एवं रोगमुक्त कंद (Tubers) का उपयोग करें। Certified Seed लें ताकि रोग का खतरा न हो।
बीज को बुवाई से पहले 2% बविस्टिन (Bavistin) या कार्बेन्डाजिम के घोल में 30 मिनट तक डुबोकर उपचारित करें।
4. खेत की तैयारी
गहरी जुताई कर खेत को भुरभुरा बनाएं।
गोबर की सड़ी खाद (20–25 टन/हेक्टेयर) डालें।
उंची-नीची क्यारियां बनाकर आलू की बुवाई करें
5. बुवाई का समय और तरीका
उत्तर भारत (जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा) → अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से नवम्बर के मध्य तक।
दक्षिण भारत → जून-जुलाई और अक्टूबर-नवम्बर
बीज की दूरी:
कतार से कतार = 60 सेमी
पौधे से पौधा = 20 सेमी
बीज की गहराई = 5–6 सेमी
6. खाद और उर्वरक प्रबंधन
नत्रजन (N) = 120 किग्रा/हेक्टेयर
फॉस्फोरस (P₂O₅) = 80 किग्रा/हेक्टेयर
पोटाश (K₂O) = 100 किग्रा/हेक्टेयर
कुल नत्रजन की आधी मात्रा और पूरा P व K बुवाई के समय दें, बाकी नत्रजन की आधी मात्रा 30–40 दिन बाद टॉप ड्रेसिंग में।
7. सिंचाई
पहली सिंचाई: बुवाई के 25–30 दिन बाद (अंकुरण पूरा होने पर)।
आलू की फसल को 7–10 दिन के अंतर पर हल्की सिंचाई की जरूरत होती है।
फूल आने और कंद बनने के समय पर्याप्त नमी जरूरी है।
अंतिम सिंचाई खुदाई से 10–15 दिन पहले बंद कर दें।
8. रोग एवं कीट नियंत्रण
अगेती झुलसा (Early Blight): रोग आने पर Mancozeb 2.5 ग्राम/लीटर छिड़कें।
पिछेती झुलसा (Late Blight): Metalaxyl + Mancozeb का छिड़काव करें।
अफीदा (Aphid): Imidacloprid 0.5 मिली/लीटर छिड़काव करें
9. खुदाई और पैदावार
बुवाई के 90–120 दिन बाद आलू की खुदाई की जाती है।
औसतन 250–300 क्विंटल/हेक्टेयर उत्पादन मिलता है।
खुदाई के बाद आलू को छायादार स्थान पर सुखाकर स्टोर करें
10. किसान भाईयों के लिए विशेष टिप्स
हमेशा प्रमाणित बीज ही लगाएँ।
खेत में जलभराव न होने दें।
फसल चक्र अपनाएँ (1 साल आलू → अगली बार दलहनी फसल)।
मंडी भाव समय-समय पर देखें ताकि सही दाम मिले।
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